महामारी संकट से उभरती भारतीय अर्थव्यवस्था

वैश्विक कोरोना महामारी के कालखंड में भारत भी अछूता नहीं रहा। लॉकडाउन की पाबंदियों से शुरु हुई नीचे जाती अर्थव्यस्था की कहानी की चिंताजनक तस्वीर अब उभरने लगी है। जो छोटे और मझोले उद्योगों, कामगारों, सर्विस के क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए अच्छी खबर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निरंतर लिए सतत फैसलों ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला दिया है। एक ओर देश जहां बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेंक्टों के साथ प्रगति और समृद्धि के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। वहीं गरीबों को गरीब कल्याण योजना के तहत मिल रहा मुफ्त अनाज उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने में सहायक साबित हो रहा है।

महामारी संकट से उभरती भारतीय अर्थव्यवस्था: महामारी के दबाव से उबरी भारतीय अर्थव्यवस्था नवंबर में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति (EAC-PM) ने संभावना जताई थी कि अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर 7 से 7.5 फीसदी रह सकती है। समिति का कहना है कि 2022-23 में निर्माण समेत अन्य बड़े क्षेत्रों के पटरी पर लौटने का पूरा अनुमान है। समिति ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दबाव से भारतीय अर्थव्यवस्था फिलहाल उबर चुकी है। साथ ही चालू वित्तवर्ष में आर्थिक विकास दर 10 फीसदी के आस-पास हासिल कर सकती है।

विदेशों से मिलते शुभ संकेत: वैश्विकरण के इस दौर में विदेशी निवेश ही एक मजबूत अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा इंडिकेटर है। दुनिया में इसके लिए फेवरेट डेस्टिनेशन की रैंकिंग प्रदान करने वाली तमाम ग्लोबल एजेंसियां मौजूद है जो समय समय पर रेटिंग जारी कर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को ग्रेड करती है। इस पटल पर भारत के लिए शुभ संके है। 

2022 में 8.5% रहेगी भारत की विकास दर- आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2021 में 9.5 % और 2022 में 8.5 % की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। 2022 में भारत को छोड़कर किसी भी अन्य देश में यह वृद्धि दर 6 % से ऊपर नहीं जाने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक विकास दर के मामले में भारत ने चीन और अमेरिका को काफी पीछे छोड़ दिया है। 2022 में अमेरिका में यह दर 5.2 फीसद और चीन की 5.6 फीसद तक ही हो सकती है ।

संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के लिए जताया 10.1 % विकास दर का अनुमान: संयुक्त राष्ट्र ने साल 2021 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। यूएन ने इसमें जनवरी के अपने अनुमान से 0.2 फीसद की बढ़ोत्तरी की है। इसके साथ ही यूएन ने साल 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ का पूर्वानुमान 10.1 % लगाया है।

बैंक ऑफ अमेरिका: अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका ने कहा है कि अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की विकास दर 8.2 प्रतिशत रहेगी। बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने अनुमान में कहा है कि अगले वर्ष भारत में चीजें सामान्य होंगी और ग्रोथ रेट रफ्तार पकड़ेगी। बैंक का कहना है कि उपभोग बढ़ने से ग्रोथ को प्रोत्साहन मिलेगा।

क्रेडिट सुइस: स्विटजरलैंड की ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में गतिविधियां आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक रहेंगी और अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 9 % रहने की संभावना है। फर्म का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के लिए GDP विकास दर लगभग 10.5 % रहने का अनुमान जताया है। यह विभिन्न एजेंसियों के जताए गए औसतन अनुमान 8.4-9.5 % से ज्यादा है। 

मूडीज ने भी सुनाई अच्छी खबर: मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में भारत में आर्थिक ग्रोथ में मजबूत रिकवरी होने का अनुमान लगाया है. उसने वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में देश की जीडीपी ग्रोथ क्रमश: 9.3 फीसदी और 7.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कोरोना वैक्सीनेशन में तेज रफ्तार भारत की आर्थिक गतिविधियों में वापसी के लिए मददगार साबित होगी।

RBI ने 9.5 % GDP ग्रोथ का लगाया है अनुमान: कोरोना काल में भी भारत ने मजबूत वृद्धि दर हासिल की है और सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने के रास्ते पर है। भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में GDP 9.5 % रहने की उम्मीद है। रिजर्व बैक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत सुधार को दिखा रहे हैं।

10.5 % या उससे अधिक वृद्धि की उम्मीद- नीति आयोग: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 10.5 % या उससे अधिक वृद्धि दर हासिल करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण और सेवाओं, दोनों के लिए भारत खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) में पिछले महीने काफी तेजी आई है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में और भी मजबूती आएगी और मुझे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत या इससे अधिक रहेगी। मौजूदा वित्त वर्ष में जुलाई से सितंबर के बीच दूसरी तिमाही ( 2nd Quarter) में देश की आर्थिक वृद्धि दर ( GDP ) 8.4 फीसदी रही है। 

इकोनॉमी को लेकर कंज्यूमर्स में उत्साह-आरबीआई: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्वे के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद भविष्य की स्थितियों को लेकर लोग काफी आशावादी हैं। इसके साथ ही रिजर्व बैंक को चालू वित्त वर्ष में विकास दर 9.5 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स जो जुलाई में 48.6 था, सिंतबर में बढ़कर 57.7 हो गया है। साथ ही फ्यूचर एक्सपेक्टेशंस इंडेक्स जुलाई में 104 था, वह सितंबर में बढ़कर 107 हो गया है। यह देश की बेहतर अर्थव्यवस्था के संकेत हैं। सर्वे के अनुसार अर्थव्यवस्था और नौकरियों को लेकर सेंटीमेंट में सुधार देखने को मिल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। ये आंकड़े दूर भविष्य में $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे।

लेखक के बारे में

link2Mob

Нужно оперативно добраться до вокзала или за город? Сегодня организовать удобное и проверенное такси в пару кликов — достаточно открыть приложение. Опытные водители, опрятные транспортные средства, честный стоимость и отсутствие доплат делают путешествие спокойной. Многие компании предлагают возможность выбрать типа авто, оплату картой и 24/7 помощь. Особенно полезно это в межгородних поездках, где важны надёжность и соблюдение сроков. А какие операторы вы считаете лучшими? Расскажите личным опытом!

http://www.dotank.kr/bbs/board.php?bo_table=free&wr_id=13599

डिस्क्लेमर:

ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।

Comments

जनमत

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति महामारी जैसी परिस्थितियों से निबटने के लिए उचित प्रावधानों से युक्त है?

Choices