आधारभूत संरचना के साथ सामाजिक बदलाव

देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के मेगा प्रोजेक्टस देश की तरक्की और विकास की दोगुनी रफ्तार दे रहे है। जिनका प्रभाव ना सिर्फ आर्थिक रूप से बल्कि समाजिक रूप से बेहद असरदार होगा। एक तरफ ये मेगा प्रोजेक्टस सीधे तौर पर निर्माण से जुड़े मजदूरों और कामगारों के जीवन में रोजी रोटी का सर्जन कर रहे है बल्कि उत्तर प्रदेश की बसरों से आधारभूत ढ़ाचा विहीन छवि को भी बदल रहे है। इनसे औद्योगिक प्रगति के लिए बरसो से तरस रही यूपी की सरजमी भर निवेश की बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है।


नवंबर में हुई तोहफों की बारिश:
नवंबर महीने में सूबे की जनता को कई ऐसी मेगा परियोजनाओं की सौगात मिली, जिनका इस्तेमाल वे वर्षों तक करेंगे। इन मेगा परियोजनाओं की शुरुआत पिछली सरकार से हुई, जिसको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालने के बाद डबल इंजन की रफ्तार मिली। इन मेगा परियोजनाओं में शामिल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इस महीने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन मेगा परियोजनाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सूबे की जनता को सौंपा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जेवर एयरपोर्ट, फिल्म सिटी और गंगा एक्सप्रेस वे जैसी मेगा परियोजनाओं की आधारशीला भी रखी। इसके अलावा गोरखपुर का बंद पड़ा खाद कारखाना और गोरखपुर एम्स भी शुरू हो गया है।

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे:

करीब 42 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार कराया गया 340.82 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 16 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता को सौंपा गया है । ये देश का अब सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे हो गया है। इससे पहले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ ही उत्तर प्रदेश तीन-तीन चालू एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बन गया है। 

गंगा एक्सप्रेसवे:

करीब 36,000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले गंगा एक्सप्रेस वे की आधारशीला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर को शाहजहांपुर में रखी है। करीब 600 किमी लंबा ये एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों से होकर गुजरेगा।
एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर जाएगा। एक्सप्रेसवे जिन जगहों से होकर गुजरेगा वहां के औद्योगिक और धार्मिक पड़ावों को भी आपस में कनेक्ट करेगा। इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा जिसके साथ दिल्ली से प्रयागराज तक की दूरी भी कम होगी। इस एक्सप्रेसवे से पिछड़े जिलों को विकास की कनेक्टिविटी मिलेगी। जो यहां के मजदूर, किसान, नौजवान, महिलाओं के जीवन में खुशहाली लाएगी। 

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे:

करीब 15,000 करोड़ रुपए की लागत से 296.07 किमी लंबा बुन्देलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण का कार्य तेजी से हो रहा है। बुन्देलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास बीते वर्ष 29 फरवरी  को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया था। चित्रकूट से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस वे बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन होते हुए इटावा के कुदरौल गांव के पास लखनऊ -आगरा एक्सप्रेस से जुड़ेगा। इस एक्सप्रेस वे के बनने से बुंदेलखंड पहुंचना आसान होगा, वहां कृषि, वाणिज्यिक, पर्यटन और उद्यमिता के लिए राह आसान होगी और बुंदेलखंड का विकास होगा।

जेवर एयरपोर्ट :

25 नवंबर को जेवर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया। 6200 हेक्टेयर में यह एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। खास बात यह कि यह प्रदूषण से मुक्त होगा और यूपी का पांचवां इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। यह एयरपोर्ट एक्सपोर्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से सीधा जुड़ेगा। छोटे किसान यहां से सीधे जल्द खराब होने वाले वस्तुओं को एक्सपोर्ट कर सकेंगे। सभी आसपास के जिलों को एक्सपोर्ट के लिए बहुत लाभ होगा। हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान सुचारू रूप से चलाने के लिए हजारों लोगों की जरूरत होती है जिससे उन्हें रोजगार मिलेगा। एयर कनेक्टिविटी बढ़ने से टूरिज्म बढ़ता है। साथ ही इसके बनने से आस पास के क्षेत्र के रियर स्टेट के कारोबार को भी बड़ा बूम मिला है। 

कुशीनगर एयरपोर्ट:

23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सौगात दी है। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन पीएम ने किया। यह यूपी का तीसरा व सबसे लंबे रनवे वाला एयरपोर्ट है। कुशीनगर हवाई अड्डा सिर्फ अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी ही नहीं बल्कि दुनिया तक भारत की सांस्कृतिक गाथा और बौद्ध सर्किट तक पहुंच का बड़ा जरिया भी बनने जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन का विस्तार तो होगा ही, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बौद्ध धर्मावलंबी और पर्यटक न सिर्फ कुशीनगर कम समय में पहुंचेंगे, बल्कि बौद्ध सर्किट और बौद्ध तीर्थ स्थलों का दौरा भी आसान होगा।

 

नौ मेडिकल कॉलेज:

प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए बीते सालों में कई पहल हुई हैं। कोरोना से पैदा हुए भयावह हालात ने इसकी जरूरत और बढ़ा दी।प्रधानमंत्री ने हाल ही में नौ मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया था। 14 और मेडिकल कॉलेजों को स्वीकृति मिल चुकी है। इनमें से बिजनौर, कुशीनगर, चंदौली और सुल्तानपुर, गोंडा के मेडिकल कॉलेजों की नींव रखी जा चुकी है। अमेठी, औरैया, बुलंदशहर, कानपुर देहात, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, सोनभद्र व पीलीभीत में जल्द शिलान्यास होना है। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही रोजगार की दृष्टि से भी ये मेडिकल कॉलेज बेहद अहम हैं।  उत्‍तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में हजारों नए पदों का सृजन किया जाना है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के स्तर पर जरूरत के हिसाब से पदों के निर्धारण के लिए बनाई गई समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। समिति ने हर मेडिकल कॉलेज में कुल 1394 पदों की जरूरत बताई है। इसमें चिकित्सकों से लेकर नर्सिंग स्टाफ, तकनीकी और गैर तकनीकी स्टाफ शामिल है। नए मेडिकल कॉलेजों के लिए प्रथम, द्वितीय वर्षवार जरूरत के हिसाब से सृजित होने वाले पदों पर भर्ती किए जाने की बात कही गई है। शासन स्तर से अब इस रिपोर्ट का परीक्षण कराए जाने के बाद उसे वित्त विभाग को भेजा जाए।

विकास के बड़े-बड़े आयाम और सामाजिक सुधार की दिशा में सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ उत्तर प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में 2017 के मुकाबले 12 पायदान की छलांग के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच जाना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण भी है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विकास योजनाएं उत्तर प्रदेश में धरातल पर नजर आएंगी। उत्तर प्रदेश 22 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और निरंतर विकासात्मक बदलाव प्रदेश के सभी जिलों के लोगों के सामने हैं

लेखक के बारे में

link2Mob

Нужно оперативно добраться до вокзала или за город? Сегодня организовать удобное и проверенное такси в пару кликов — достаточно открыть приложение. Опытные водители, опрятные транспортные средства, честный стоимость и отсутствие доплат делают путешествие спокойной. Многие компании предлагают возможность выбрать типа авто, оплату картой и 24/7 помощь. Особенно полезно это в межгородних поездках, где важны надёжность и соблюдение сроков. А какие операторы вы считаете лучшими? Расскажите личным опытом!

http://www.dotank.kr/bbs/board.php?bo_table=free&wr_id=13599

डिस्क्लेमर:

ऊपर व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं और ये आवश्यक रूप से आजादी.मी के विचारों को परिलक्षित नहीं करते हैं।

Comments

जनमत

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति महामारी जैसी परिस्थितियों से निबटने के लिए उचित प्रावधानों से युक्त है?

Choices